Bhoj Sanhita 01 Surya Khand भोज संहिता सूर्य खण्ड (Hindi) by Bhojraj Dwivedi (2005) सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है। सूर्य पुरुष व स्त्री, समस्त चराचर जगत की। आत्मा है, प्राण है। जन्मकुण्डली में सूर्य की स्थिति से परंपरागत व्यवसाय, पैतृक संपत्ति, आध्यात्मिक ज्ञान, तेजस्विता, आत्म-शक्ति, दीर्घायु, संघर्ष-शक्ति, राजकीय नौकरी, राज-सम्मान, पिता का […]
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